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Gold सोने की कीमत में ₹38000 की गिरावट नई कीमत ₹55000

Gold Crash New Rate हाल ही में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखी गई है, 7 अप्रैल 2025 को इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 1929 रुपए गिरकर 89085 रुपए पर बंद हुआ।

और दिन के कारोबार में करीबन 2600 रुपए तक की गिरावट दर्ज की गई बाद में रिकवरी करते हुए करीबन ₹700 में बढ़ोतरी दर्ज हुई।

Gold Crash New Rate

विशेषज्ञों के अनुसार गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली करना और केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार सोने ने इस साल अब तक की करीबन 17% तक रिटर्न दिया है।

इसीलिए निवेशक अपने लाभ को सुरक्षित करने के लिए सोने को तुरंत भेज भी रहे हैं और अपने पैसों की रिकवरी कर रहे हैं। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर आर्थिक एवं अनिश्चितताओं और शेयर बाजार में गिरावट में हुई गिरावट के कारण सोने की कीमतों में कमी देखी गई है।

Gold Crash कीमतों में गिरावट दर्ज करने का कारण

सोने की कीमतों में गिरावट का कारण अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को नई टैरिफ पॉलिसी अनाउंस की जो 180 से अधिक देशों पर रिसिप्रोकल टैरिफ और इंपोर्ट पर 10% बेसलाइन टैरिफ लागू किया गया।

और सोने की कीमत में सबसे ऊपरी रिकॉर्ड 3 अप्रैल को दर्ज किया गया जो कीमत 91205 का सबसे उत्तम स्तर पर दर्ज की गई। इस कीमत की बढ़ोतरी से सोने में निवेश करने वालों को काफी मुनाफा भी मिला।

लेकिन रिसिप्रोकल टैरिफ और बेसलाइन टैरिफ रूल लागू होने की वजह से कुछ देश इस पॉलिसी के खिलाफ खड़े हो गए जिससे सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है।

टैरिफ रूल के खिलाफ हुए कई देश

Gold Crash New Rate अमेरिका के टेरिबल के खिलाफ कई देश इस नियम का विरोध भी कर रहे हैं, जिसमें चीन कनाडा मैक्सिको ब्राजील यूरोपीय संघ दक्षिण कोरिया इस नियम को मानने के खिलाफ हो गए हैं।

1.टैरिफ के खिलाफ चीन का कड़ा रुख 

  • चीन ने अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ खड़ा रुक अपनाया।
  • वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ ने कहा की चीन दबाव में नहीं झुकेगा और अंत तक लड़ाई लड़ेगा।

2. टैरिफ के खिलाफ यूरोपियन संघ के विचार 

  • EU ने अमेरिका को औद्योगिक वस्तुओं पर शून्य के शून्य टैरिफ समझौते की पेशकश की थी। लेकिन अमेरिका ने इस नकार दिया।
  • जवाब में यूरोपियन संघ ने अमेरिका की उत्पादों पर प्रतिशोधी टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली है।

3. कनाडा का टैरिफ के खिलाफ रुख 

  • कनाडा ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में अमेरिकी निर्यात पर 25% तारीफ लगाने की घोषणा कर दी है।
  • वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो नेता की यह नियम अमेरिकी उपभोक्ताओं और उद्योगों को प्रभावित करेगा।

4.मेक्सिको का टैरिफ के खिलाफ रुख

  • मेक्सिको ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ प्रतिक्रियाएं दी है, और अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाने की योजना बना ली है।
  • लेकिन मेक्सिको ने फिलहाल ऐसे लागू नहीं किया है, और स्थगित कर दिया है।

5.ब्राजील का टैरिफ के खिलाफ विचार

  • ब्राजील ने भी अमेरिकी स्टील टैरिफ की कड़ी निंदा कि है।
  • यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे आ रहे आर्थिक संबंधों को अनदेखा करता है।

6.दक्षिण कोरिया का अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाब

  • दक्षिण कोरिया ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमीनियम टैरिफ के जवाब में आपातकालीन प्रतिक्रिया मोड घोषित कर दिया है।
  • और अमेरिकी टैरिफ से छूट पाने की कोशिश लगातार जारी है।

Gold Crash U.S Tariff Rules ( अमेरिकी तारीफ नियम क्या है?

अमेरिकी टैरिफ रूल का मतलब नियम और कानून जो अमेरिका सरकार द्वारा आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाला शुल्क को नियंत्रित करता है।

टैरिफ रुलअंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करते हैं और कभी-कभी व्यापार युद्ध की वजह भी बन जाते हैं।

  • टैरिफ एक प्रकार का टैक्स है, जो सरकार किसी देश से आने वाले सामान पर लगती है।
  • इसका उद्देश्य उद्योगों को सुरक्षित करना है।
  • विदेशी सामान को महंगा बनाकर आयात को कम करना।
  • राजस्व को बढ़ाना
  • अमेरिकी टैरिफ नियम कई कानून और अधिनियमों के तहत जैसे ट्रेड एक्ट 1974 और टैरिफ एक्ट 1930 जिसमें क्षेत्र 332 और क्षेत्र 301 का विशेष जिक्र होता है।

अमेरिकी टैरिफ बदलाव 2025

नई टैरिफ नीतियों ने अमेरिका ने चीन यूरोपीय संघ कनाडा मेक्सिको पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए है, जो निम्न अनुसार है:-

  • इलेक्ट्रिक वाहनों पर
  • चिप्स और सेमीकंडक्टर पर
  • ग्रीन टेक्नोलॉजी से जुड़े उत्पादों पर

अमेरिकी टैरिफ रूल का विवाद और आलोचना क्यों ?

  • टैरिफ नियम वैश्विक बाजार में तनाव बढ़ता है।
  • अन्य देश प्रतिशोधी टैरिफ लगते हैं।
  • महंगाई बढ़ती है और उपभोक्ता प्रभावित होते हैं।
  • WTO भी कई बार अमेरिका के इस प्रकार के फैसले को अवैध करार देता है।

 

डिस्क्लेमर:-  यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने की कीमतें अब कहीं वैश्विक करको से प्रभावित होती है। इसीलिए अमेरिकी टैरिफ वैश्विक आर्थिक स्थिति और निवेशकों की धारणा इसमें शामिल है।

इस वजह से अब सोने की कीमत में कहां तक गिरावट आएगी इसका सटीक भविष्यवाणी करना काफी कठिन है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है, कि सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट होगी।

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