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ये कैसी सब्जी है… जिसकी सब्जी भी नहीं बनती और फिर भी है इसकी काफी डिमांड! जानिए आखिर ये क्या है?

बड़े-बड़े शहरों के नजदीक रोमन लेट्यूस की खेती करना मुनाफे का सौदा है, क्योंकि स्टार होटलों से लेकर फूड पॉइंट कैफे और अमीर घरानों में इसकी मांग सबसे ज्यादा रहती है.

अगर आप बर्गर खाने के शौकीन हैं, तो आप इस पत्तेदार सब्जी से जरूर वाकिफ होंगे. इसकी सब्जी नहीं बनती, लेकिन इसके बावजूद भी बाजार में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा है. सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं बल्कि, विदेशी बाजार में भी लेट्यूस की डिमांड सबसे ज्यादा है. ये बर्गर, रोल और रैप्स में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. भारत में भी अब किसान इसकी खेती कर रहे हैं और बंपर मुनाफा कमा रहे हैं. पारंपरिक खेती के मुकाबले, इस पत्तेदार सब्जी की खेती करने वाले किसान आज लाखों में खेल रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि आप  भारत में कैसे इसकी खेती कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसमें मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत के लिये काफी लाभकारी होते हैं.vegetable lettuce is eaten only by the rich it is mostly used in burgers know how it is cultivated ये कैसी सब्जी है... जिसकी सब्जी भी नहीं बनती और फिर भी है इसकी काफी डिमांड! जानिए आखिर ये क्या है?

कैसे करें लेट्यूस की खेती

आपको बता दें रोमन लेट्यूस की खेती भारत में बड़े आराम से हो सकती है. ये हरे रंग की पत्तेदार सब्जी सूजमुखी परिवार की सदस्य है, जिसे उगाना बेहद आसान है. भारतीय किसान इसे परंपरागत खेती या हाइड्रोपॉनिक्स में उगाकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं. सबसे बड़ी बात की रोमन लेट्यूस की खेती से सालभर में कई बार किया जा सकता है.

आपको बता दें, इस सब्जी के लिए धूप और पानी से भरपूर ठंडा वातावरण इसकी खेती के लिये सबसे बेहतर रहता है. डिमांड के हिसाब से पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस में भी रोमन लेट्यूस को बड़े आराम से उगाया जा सकता है. इस सब्जी की सीधे बिजाई नहीं की जाती, बल्कि नर्सरी में इसे तैयार करके खेत की मेड़ों पर इसकी रोपाई की जाती है. इसकी खेती के लिये बलुई मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी अच्छी रहती है. लेट्यूस की खेती के लिये पानी और धूप की जरूरत पड़ती है.

रोमन लेट्यूस के खेत में रोपाई के बाद शाम के समय सिंचाई काम कर देना चाहिए. इस फसल में समय-समय पर मिट्टी में निराई-गुड़ाई करने से पत्तेदार सब्जी की उपज में बढ़ोतरी मिलती है. रोमन लेट्यूस के पत्तेदार फसल होने के कारण कीड़े, बीमारियां और गलन की संभावना हमेशा बनी रहती है, इसलिए इसे बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है. यह फसल 7 दिन में तैयार हो जाती है, इसलिए इसे समय पर काट लेना चाहिए.

 

कितनी होती है कमाई

बड़े-बड़े शहरों के नजदीक रोमन लेट्यूस की खेती करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि स्टार होटलों से लेकर फूड पॉइंट कैफे और अमीर घरानों में इसकी मांग सबसे ज्यादा रहती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक हेक्टेयर इलाके में इसकी खेती से 40 दिनों के अंदर 120 क्विंटल सब्जी की उपज हो सकती है, इसे बाजार में 80-120 रूपये किलो के भाव पर बेचा जाता है. रोमन लेट्यूस के फायदों को देखते हुए कई देश बड़े पैमाने पर अब इसकी खेती में लग गए हैं और हर साल करोड़ों टन की उपज कर रहे हैं.

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