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Farming: हल्दी की खेती से महिला की बढ़ गई इनकम, 1 कनाल में 10 क्विंटल पैदावार

महिला किसान बाला देवी का कहना है कि पहले वह सिर्फ पर्सनल यूज के लिए हल्दी उगाती थी. लेकिन पैदावार बढ़ने पर उन्होंने एक कनाल में इसकी खेती शुरू कर दी.

लोगों को लगता है कि हरियाणा के किसान केवल गेहूं और धान की ही खेती करते हैं, लेकिन ऐसी बात नहीं है. यहां के किसान मसाले की भी खेती करते हैं. खास बात यह है कि हरियाणा में मसाले की खेती महिलाएं भी बड़े स्तर पर कर रही हैं. इन्हीं महिला किसानों में से एक हैं बाला देवी, जो पिछले 25 साल से हल्दी की खेती कर रही हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. अब दूसरे किसान भी बाला देवी से हल्दी की खेती करने के तरीके सीख रहे हैं. बाला देवी द्वारा उगाई गई दल्दी की मांग दूर- दूर तक हो रही है. वहीं, गांव के लोग भी इनसे शुद्ध देसी हल्दी खरीदते हैं.Farming: हल्दी की खेती से महिला की बढ़ गई इनकम, 1 कनाल में 10 क्विंटल पैदावार

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, बाला देवी करनाल जिला स्थित हसनपुर गांव की रहने वाली हैं. हालांकि, उनका जन्म बल्ला गांव में हुआ था. वे किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उसके पिता जी भी हल्दी की खेती किया करते थे. ऐसे में उन्हें बचपन से हल्दी की खेती करने का तरीका मालूम था. अब बाला देवी हसनपुर गांव में हल्दी की खेती कर रही हैं. वे हर साल 10 क्विंटल तक हल्दी उत्पादित करती हैं, जिसे बेचकर उन्हें अच्छी इनकम हो जाती है. बाला देवी के पास कुल 2 एकड़ जमीन है. इसमें से वे एक कनाल में हल्दी उगाती हैं. खास बात यह कि लैब जांच में भी बाला देवी के खेत में उगाई गई हल्दी बिल्कुल शुद्ध पाई गई है.

एक कनाल में 8 से 10 क्विंटल कच्ची हल्दी की पैदावार हो जाती है

वहीं, बाला देवी का कहना है कि पहले वह सिर्फ पर्सनल यूज के लिए हल्दी उगाती थी. लेकिन पैदावार बढ़ने पर उन्होंने एक कनाल में इसकी खेती शुरू कर दी. खास बात यह है कि हल्दी की प्रोसेसिंग कर वह खुद ही उसका पाउडर भी बनाती हैं. पाउडर बनाने के लिए उन्होंने एक मशीन भी खरीद रखी है. बाला देवी का कहना है कि एक कनाल में 8 से 10 क्विंटल कच्ची हल्दी का पैदावार हो जाती है. प्रोसेसिंग करने के बाद इसमें से 100 किलो ही हल्दी खाने लायक निकलती है. इसके बाद वे शुद्ध हल्दी का पाउडर बनाती हैं, जिसकी गांव में ही बिक्री हो जाती है.

बाला देवी 800 किलो हल्दी बेचती हैं

बाला देवी ने बताया कि हल्दी बेचने लायक तैयार करने में एक साल का समय लग जाता है. अप्रैल के महीने में वो इसकी बिजाई करती हैं. इसके बाद दिसंबर- जनवरी में खुदाई होती है. इसे पाउडर लायक बनाने के लिए लगातार 2 से 3 महीने तक प्रोसेस करना पड़ता है. खास बात यह है कि बाला देवी अपनी हल्दी 800 किलो बेचती हैं. उनका कहना है कि खर्चा निकालने के बाद एक किलो हल्दी बेचने पर उन्हें 200 रुपये का मुनाफा होता है. उन्होंने हल्दी के बीज पर हरियाणा सरकार से अनुदान देने की मांग की है.

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