Chiku Farming: इस फसल की खेती से किसान हो गया मालामाल, 3 एकड़ में हो रही 8 लाख की इनकम
किसान जगदीश मीणा ने कहा कि उन्होंने तीन एकड़ में बागवानी लगाई है. वे अपने बाग में हमेशा जैविक खाद ही इस्तेमाल करते हैं. इससे पौधों का अच्छा ग्रोथ हो रहा है
राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले रेगिस्तान का नाम सामने आता है. लोगों को लगता है कि यहां पर गेहूं, सरसों और चना की ही सिर्फ खेती होती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. अब राजस्थान में किसान बागवानी में भी रूचि ले रहे हैं. आम, लीची, आंवाला, सेब, अखरोट और बादाम सहित कई तरह बागवानी फसलों की खेती प्रदेश में शुरू हो गई है. आज हम भरतपुर के रहने वाले एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने चिकू की खेती कर लोगों के सामने मिसाल पेश की है.
न्यूज18 हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक, चिकू की खेती करने वाले किसान का नाम जगदीश मीणा है. वे भरतपुर के भुसावर कस्बे के रहने वाले हैं. इन्होंने अपने बाग में चिकू के 300 पौधे लगा रखे हैं. सभी पेड़ों पर चिकू के फल आ रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी इनकम हो रही है. जगदीश मीणा का कहना है कि पहले वे परंपरागत विधि से खेती करते थे. इससे उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा था. लेकिन बागवानी फसलों की खेती शुरू करते ही उनकी किस्मत बदल गई. अब वे चिकू बेचकर साल में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. उनके बाग के चिकू की मांग पूरे राजस्थान में हो रही है.
तीन एकड़ में बागवानी लगाई है
जगदीश मीणा ने कहा कि उन्होंने तीन एकड़ में बागवानी लगाई है. वे अपने बाग में हमेशा जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं. इससे पौधों का अच्छा ग्रोथ हो रहा है. साथ ही जैविक खाद के उपयोग से पैदावार भी बढ़ गई है. खास बात यह है कि वे खुद से अपने घर पर जैविक खाद बनाते हैं, इससे उन्हें काफी बचत हो रही है. जगदीश मीणा की माने तो अगर किसान बागवानी फसलों की खेती करते हैं, तो उनकी इनकम बढ़ जाएगी. किसान भाई कम लागत और कम मेहनत में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
जगदीश मीणा अब दूसरे किसानों को दे रहे ट्रेनिंग
जगदीश मीणा ने बताया कि चार साल पहले उन्होंंने बागवानी शुरू की थी. तब वे सवाई माधोपुर जिले से चीकू के 300 पौधे मंगाकर तीन हेक्टेयर में इसकी खेती शुरू की थी. अब वे साल में 20 टन चिकू बेच रहे हैं, जिससे उन्हें 8 लाख रुपये की इनकम हो रही है. खास बात यह है कि अब वे दूसरे किसानों को भी चिकू की खेती करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. उनके बाग में हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र से किसान विजिट कर चुके हैं.