मवेशियों को भी पसंद है म्यूजिक, संगीत थेरेपी से बढ़ जाती है दूध देने की क्षमता

लोगों को लगता है कि गीत- संगीत सुनना सिर्फ इंसानों को ही पसंद है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. जानवर भी संगीत का भरपूर आनंद उठाते हैं. इंसान की तरह संगीत सुनने से मवेशियों का भी तनाव दूर होता है. इससे वे स्वस्थ्य रहते हैं और इसका असर दूध देने की क्षमता पर भी पड़ता है. ऐसे भी पशु चिकित्सकों का कहना है कि तनाव में रहने से गाय और भैंसें दूध देना कम कर देती हैं. ऐसे में तनावग्रस्त मवेशियों को संगीत की थेरेपी देना उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा.Music Therapy: मवेशियों को भी पसंद है म्यूजिक, संगीत थेरेपी से बढ़ जाती है दूध देने की क्षमता

खास बात यह है कि करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने जानवरों के ऊपर संगीत की थेरेपी को लेकर एक अनूठा प्रयोग किया है. इसमें संस्थान को काफी हद तक सफलता मिली है. कहा जा रहा है कि जिन मवेशियों के ऊपर संगीत थेरेपी का प्रयोग किया गया था, उनमें काफी सकारात्मक लक्षण देखने को मिले. खास कर दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य में काफी सुधार देखा गया. वे पहले के मुकाबले चारा भी ज्यादा खाने लगी हैं. इससे दूध देने की उनकी क्षमता बढ़ गई है.

गायों को बांसुरी की धुन सुनाई गई

दरअसल, जलवायु परिवर्तन का असर मवेशियों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. इससे मवेशी तनाव में आ रहे हैं. यही वजह है कि दुधारू पशुओं को तनावमुक्त करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल ने गायों के ऊपर संगीत थेरेपा देकर शोध किया. इस दौरान दूध देने वाली गायों को बांसुरी बजाकर सुनाई गई. साथ ही मधुर संगीत की धुन भी सुनाई गई. ऐसा कई दिनों तक किया गया. शोध में पाया गया कि जिन दुधारू मवेशियों को संगीत सुनाई गई थी, उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो गया. साथ ही दूध भी ज्यादा देने लगीं.

एक जगह बांधने से गायें तनाव में आ जाती हैं

वरिष्ठ पशु वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष का कहना है कि उन्होंने बचपन में सुना था कि इंसान की तरह जानवर भी संगीत और गीत सुनना पसंद करते हैं. जब हमने मवेशियों के ऊपर इसका परीक्षण किया, तो सकारात्मक रिजल्ट सामने आए. उन्होंने कहा कि एक शोध में यह भी पाया गया कि वेदशी नस्ल की गायों के मुकाबले देसी गायों में मातृत्व की भावना अधिक है. डॉ. आशुतोष ने कहा कि संगीत की तरंगे गायों के मस्तिष्क में ऑक्सीटोसिन हार्मोंस को एक्टिव कर देती हैं. इससे गायें ज्यादा दूध देने लगती हैं. डॉ. आशुतोष की मानें तो एक जगह पर बांधने से भी गायें तनाव में आ जाती हैं. इसलिए उनकी बांधने की जगह हमेशा बदलते रहें.

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