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ऊँट पालन उद्यम: NLM योजना के तहत ₹50 लाख तक की सब्सिडी

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना के तहत ₹50 लाख तक की सरकारी सहायता से ऊँट आधारित व्यवसाय शुरू करें।

ग्रामीण भारत में पशुधन आधारित सतत आजीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (ABIC), ICAR-CSWRI, अविकानगर द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया जा रहा है। इस वेबिनार का शीर्षक है “ऊँट पालन व ऊन आधारित उद्यमिता के माध्यम से उद्यम विकास”। यह कार्यक्रम शुक्रवार, 14 मई 2025 को दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक ऑनलाइन आयोजित होगा और इसमें भागीदारी सभी के लिए निःशुल्क है।

यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना के अंतर्गत हो रहा है, जो पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD), भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इस वेबिनार में ऊँट पालन, ऊन उत्पादन और उनके व्यावसायिक मॉडल पर चर्चा की जाएगी, साथ ही यह भी बताया जाएगा कि इस योजना के तहत ₹3 लाख से ₹50 लाख तक की सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है।

ऊँट पालन और ऊन उद्योग: ग्रामीण उद्यमिता का नया मार्ग

पारंपरिक रूप से रेगिस्तानी क्षेत्रों में जीविकोपार्जन का साधन रहा ऊँट पालन, अब एक आधुनिक और लाभकारी उद्यम के रूप में उभर रहा है। ऊँट के दूध, ऊन, जैविक चमड़ा और गोबर आधारित उत्पादों की बढ़ती मांग इसे एक आकर्षक व्यवसाय बनाती है। वहीं, ऊन आधारित उद्यमिता — जैसे कि कतराई, प्राथमिक प्रसंस्करण, और मूल्य वर्धित उत्पाद — ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

NLM योजना के अंतर्गत ऐसे सभी उद्यमों को पूंजी सब्सिडी, ढांचागत सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। इच्छुक उद्यमी योजना के अनुसार ₹50 लाख तक की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य वक्ता एवं विशेषज्ञ

  • डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक, सहायक आयुक्त (NLM), पशुपालन विभाग
  • डॉ. अनिर्बन गुहा, सहायक आयुक्त, पशुपालन विभाग
  • डॉ. शंकर लाल खीचर, सहायक प्रोफेसर (LPM), SKRAU, बीकानेर

यह वेबिनार प्रतिभागियों को योजना की पात्रता, दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया और आवेदन की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी देगा। साथ ही, उपस्थित विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष प्रश्न पूछने का अवसर भी मिलेगा।

कार्यक्रम विवरण

चर्चा के प्रमुख विषय

  • NLM योजना का अवलोकन और नवीन दिशानिर्देश
  • ऊँट के दूध, ऊन, गोबर व चमड़ा आधारित व्यावसायिक मॉडल
  • ऊन प्रसंस्करण और मूल्य वर्धित उत्पाद निर्माण
  • सरकारी सहायता की पात्रता और प्रक्रिया
  • तकनीक हस्तांतरण और बाज़ार से जुड़ाव

किसके लिए है यह वेबिनार?

  • ऊँट व भेड़ पालक
  • ऊन उद्योग से जुड़े कारीगर व उद्यमी
  • ग्रामीण स्टार्टअप्स और SHGs
  • पशुपालन क्षेत्र के छात्र व शोधकर्ता
  • NGOs और किसान उत्पादक संगठन (FPOs)

निष्कर्ष

पशुधन आधारित आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह वेबिनार एक महत्वपूर्ण पहल है। ₹50 लाख तक की सरकारी सहायता प्राप्त करने का यह अवसर उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो ऊँट पालन या ऊन आधारित उद्यम में भविष्य देखते हैं। कार्यक्रम में शामिल होकर प्रतिभागी अपने विचारों को विशेषज्ञों से साझा कर सकते हैं और योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

👉 भाग लेने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें और अपने क्षेत्र में उद्यमिता को नई दिशा दें।

 

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