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बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा मुद्रा लोन: कृषि उद्यमियों के लिए ₹20 लाख तक की सरकारी सहायता

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत लोन की श्रेणियाँ और लाभ

भारत में कृषि क्षेत्र ने हाल के वर्षों में नवाचार, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के कारण उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। इस बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन सरकारी योजनाओं ने, जो छोटे किसानों और कृषि स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती हैं। ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), जिसके तहत कृषि उद्यमियों (Agripreneurs) को नॉन-कोलैटरल (अनसिक्योर्ड) लोन की सुविधा दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत 20 लाख रुपये तक के नॉन-कोलैटरल लोन की व्यवस्था है, जो बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे प्राप्त किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) क्या है?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) 8 अप्रैल 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए है, जो नॉन-कॉरपोरेट, नॉन-फार्म सेक्टर में कार्यरत हैं, जैसे कि डेयरी फार्मिंग, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती आदि। इस योजना के तहत 20 लाख रुपये तक के लोन प्रदान किए जाते हैं। यह लोन नॉन-कोरपोरेट, नॉन-फार्म छोटे/सूक्ष्म व्यवसायों को दिए जाते हैं, जो ‘तरुण’ श्रेणी में पहले से प्राप्त लोन को सफलतापूर्वक चुका चुके हैं। ये लोन कमर्शियल बैंकों, आरआरबी, स्मॉल फाइनेंस बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

मुद्रा लोन के तहत चार उत्पाद बनाए गए हैं: शिशु, किशोर, तरुण और तरुण प्लस, जो लाभार्थी के विकास की अवस्था और वित्तीय जरूरतों को दर्शाते हैं। मुद्रा एक पुनर्वित्तीय संस्थान है, जो सीधे लोन प्रदान नहीं करता, बल्कि इसे बैंकों, NBFCs और MFIs के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

मुद्रा लोन की श्रेणियाँ:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत तीन श्रेणियों में लोन प्रदान किया जाता है:

  1. शिशु लोन (Shishu): नव स्थापित व्यवसायों के लिए, जिसकी सीमा ₹50,000 तक होती है।
  2. किशोर लोन(Kishore): विकासशील व्यवसायों के लिए, जिसकी सीमा ₹50,001 से ₹5 लाख तक होती है।
  3. तरुण लोन(Tarun): स्थापित व्यवसायों के लिए, ₹5 लाख से ₹10 लाख तक।
  4. तरुण प्लस लोन (Tarun Plus )(2024 में नया जोड़ा गया): सफल कृषि उद्यमियों को 20 लाख रुपये तक का नॉन-कोलैटरल (अनसिक्योर्ड) लोन प्रदान किया जाता है।

कृषि उद्यमियों के लिए पात्रता:

  1. व्यवसाय का प्रकार: नॉन-कॉरपोरेट, नॉन-फार्म सेक्टर में कार्यरत कृषि व्यवसाय जैसे डेयरी, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन, जैविक खेती आदि।
  2. व्यवसाय का स्तर: नया, बढ़ता हुआ या पहले से स्थापित।
  3. क्रेडिट हिस्ट्री: बेहतर क्रेडिट स्कोर और व्यवहारिक बिजनेस प्लान लोन स्वीकृति की संभावना बढ़ाते हैं।
  4. दस्तावेज़:
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक स्टेटमेंट
  • व्यवसाय पंजीकरण / UDYAM प्रमाण पत्र
  • प्रोजेक्ट रिपोर्ट (उच्च लोन के लिए)
  • मशीनरी/उपकरण हेतु कोटेशन

कृषि उद्यमियों के लिए लाभ:

  1. नॉन-कोलैटरल (अनसिक्योर्ड) लोन: आपको संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है।
  2. 20 लाख तक की फंडिंग: व्यवसाय को विस्तारित करने या आधुनिक तकनीक में निवेश हेतु पर्याप्त राशि।
  3. प्रोसेसिंग फीस नहीं: लोन प्रक्रिया में अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता।
  4. लचीली पुनर्भुगतान शर्तें: व्यवसाय के नकद प्रवाह के अनुसार आसान किस्तों में भुगतान।
  5. सरकारी सुरक्षा: यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है जिससे विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

मुद्रा लोन आवेदन प्रक्रिया:

1. जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन:

  • https://www.jansamarth.in/ पर जाएं
  • मुद्रा योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करें
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  • लेंडिंग बैंक या संस्था का चयन करें
  • आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें

2. बैंक शाखा से आवेदन:

  • अपने नजदीकी बैंक या NBFC शाखा में जाएं
  • मुद्रा अधिकारी से संपर्क करें
  • दस्तावेज़ प्रस्तुत करें
  • लोन प्रक्रिया पूरी करें

मुद्रा लोन का उपयोग:

  1. नए कृषि उद्यम की स्थापना:
  • डेयरी, पोल्ट्री, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में।
  • पशुओं की खरीद, बीज, उपकरण या भूमि हेतु उपयोग।
  1. मशीनरी और उपकरण:
    • ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सिंचाई उपकरण आदि की खरीद।
  2. विस्तार और आधुनिकीकरण:
    • व्यवसाय के विस्तार, नई यूनिट की स्थापना, तकनीक अपग्रेड के लिए।
  3. फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स:
    • प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, भंडारण की सुविधा, पैकेजिंग के लिए।
  4. एग्रो क्लिनिक और कृषि सेवा केंद्र:
    • मिट्टी परीक्षण, कृषि सलाह, इनपुट सप्लाई जैसी सेवाएं देने के लिए।

बिना जमानत मुद्रा लोन के विशेष लाभ (Collateral-Free Loan Highlights):

  1. बिना गारंटी का लोन: मुद्रा योजना के तहत लिए गए लोन के लिए कोई भी ज़मीन, मकान या अन्य संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती।
  2. कृषि आधारित व्यवसायों को प्राथमिकता: डेयरी, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, वर्मी कंपोस्ट आदि जैसे कृषि से जुड़े व्यवसायों को प्राथमिकता दी जाती है।
  3. सरकारी बैंक और NBFC से आसान लोन प्रक्रिया: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs), NBFC और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) से आसानी से लोन मिल सकता है।
  4. क्रेडिट गारंटी फंड (CGFMU) के अंतर्गत सुरक्षा: यदि कोई डिफॉल्ट होता है, तो भी बैंक को नुकसान नहीं होता क्योंकि यह लोन क्रेडिट गारंटी से सुरक्षित होता है।
  5. कम ब्याज दरें और सरल पुनर्भुगतान: मुद्रा लोन की ब्याज दरें अन्य निजी लोन की तुलना में कम होती हैं और किस्तें व्यावसायिक आय के अनुसार तय की जाती हैं।
  6. सरकारी अनुदान और प्रशिक्षण से जुड़ाव: कई राज्यों में मुद्रा लोन लेने वालों को प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुदान की भी सुविधा दी जाती है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत मिलने वाला नॉन-कोलैटरल (अनसिक्योर्ड) लोन कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना विशेष रूप से उन कृषि उद्यमियों के लिए है जिनके पास संसाधनों की कमी होती है लेकिन उनके पास एक मजबूत व्यवसायिक दृष्टिकोण होता है।

यदि आप भी एक कृषि स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं या अपने वर्तमान व्यवसाय को बढ़ाना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम भी है।

नोट: मुद्रा योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए कोई एजेंट या बिचौलिए नहीं होते हैं। लोन प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति www.udyamimitra.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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